केंद्रीय सरकार के द्वारा कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत की वृद्धि के पश्चात छत्तीसगढ़ सरकार ने भी चार प्रतिशत कि दर से महंगाई भत्ता बढ़ाकर 50% तक पहुंचा दिया। लेकिन कर्मचारी महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत की वृद्धि होने के बाद भी खुश नहीं है और उन्होंने सरकार को 24 अक्टूबर के दिन आंदोलन के लिए चेतावनी दे दी है। आखिर क्या है ऐसा मामला? आइए जानते हैं।
इसलिए नाराज हैं कर्मचारी
प्रदेश के शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अनुसार चार प्रतिशत महंगाई भत्ते को 1 जुलाई 2024 लागू होना चाहिए था और एरियर का भी भुगतान किया जाना चाहिए था। लेकिन सरकार की तरफ से 5 साल से रुके महंगाई भत्ते के एरियर के विषय में कोई जानकारी नहीं दी गई है, इसको लेकर कर्मचारियों में रोष है। साथ ही मोर्चा का कहना है कि मोदी की गारंटी जब तक लागू नहीं होगी यह हड़ताल जारी रहेगी। वही 24 अक्टूबर को सभी शिक्षकों द्वारा सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल किए जाने की संभावना है।
महंगाई भत्ता इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
महंगाई भत्ता को प्रत्येक 6 महीने पर सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए महंगाई से राहत देने के लिए वृद्धि कि जाती है। जिससे कर्मचारियों पर बढ़ती महंगाई का असर ना पड़े। पेंशन भोगियों के लिए महंगाई राहत के रूप में आर्थिक लाभ प्रदान किया जाता है। हालांकि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दोनों की बढ़ोतरी बराबर ही होती है।
केंद्रीय सरकार ने किया था DA का कल ऐलान
बीते बुधवार को केंद्रीय सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों की महंगाई भत्ते में 3% की वृद्धि की गई थी। इसके पश्चात अब केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50% से बढ़कर 53% हो गया है। जिससे अगर किसी कर्मचारी की तनख्वाह ₹30000 है। तो उसका 50% महंगाई भत्ता 15000 रुपए हुआ। 3% महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के कारण अब उनकी तनख्वाह 30,900 रुपए हो जाएगी।
Central Govt need to clear the dues of 18 months pending DA arrear and constitution of 8th pay commission as govt employees and their parents of all states are highly tense. I am sharing an information of the condition at grass roots.
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